नमस्कार किसान भाईयों, गेहूं की फसल के तुरंत बाद आप यह फसल बो कर कम लागत मे तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं। आईए जानते हैं इस खास फसल के बारे मे जिसे किसान के ATM के नाम से भी जाना जाता है…
तोरई वह सब्जी है जो ठंडी और सुहावनी मौसम में अच्छे से उगती है और बाजार में अच्छा मूल्य प्राप्त करती है।
इसके अतिरिक्त, तोरई में कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा और विटामिन-ए जैसे पोषक तत्व होते हैं जो सेहत के लिए लाभकारी होते हैं।
चलिए, हम देखते हैं कि तोरई की खेती कैसे करें और इससे कितना मुनाफा हो सकता है।
तोरई की खेती के लिए उपयुक्त तापमान और जलवायु
तोरई की खेती के लिए ठंडी और सुहावनी जलवायु बहुत उपयुक्त होती है। इसके लिए 25 से 37 डिग्री सेल्सियस का तापमान सही होता है।
तोरई की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। तोरई की खेती के लिए, खेत में जैविक खाद डालकर, फिर जूताई करनी चाहिए और फिर खेत को समतल करना चाहिए।
तोरई की खेती के लिए 2.5 x 2 मीटर की दूरी पर 30 सेमी x 30 सेमी x 30 सेमी आकार के गड्ढे खोदने के बाद, तोरई के पौधे को रोपना चाहिए।
उपयुक्त किस्म और समय
तोरई की खेती के लिए, आपको उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए जो अधिक पैदावार देती हों और रोगों से मुक्त रहती हों। फर्रुखाबाद में कृषि वैज्ञानिक राहुल पाल ने विशेष रूप से ऐसी किस्में तैयार की हैं जो इस विशेष विशेष श्रेणी में आती हैं।
उन्होंने बताया कि वे कमालगंज के श्रंगीरामपुर में पाली हाउस में नर्सरी तैयार करते हैं, जिसमें तोरई के पौधे लगभग एक महीने में ही उग जाते हैं।
इन उन्नत किस्मों में तोरई की लंबाई 15 से 20 सेमी होती है और इनका रंग हरा होता है। इनकी फसल के लिए समय पर सिंचाई और खाद का प्रयोग किया जाता है।
1 महीने मे तोरई की खेती से होगा इतना मुनाफा
तोरई की खेती से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि इसकी बाजार में बढ़ती मांग होती है। तोरई को कच्चे अवस्था में ही तोड़ा जाता है। बाजार में शुरुआती दौर में, 60 से 80 रुपए प्रति किलो के दाम मिल सकते हैं।
एक बीघा तोरई के खेत में साठ से सत्तर हजार रुपए की आसानी से कमाई हो सकती है। इसका उपयोग सब्जी के रूप में किया जा सकता है। तोरई की खेती से आप अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं और अपने परिवार को बेहतर जीवन प्रदान कर सकते हैं।