Farmer Protest : शंभू बॉर्डर पर मंगलवार को, जवानों और किसानों के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ा। पुलिस ने दिल्ली कूच को रोकने के लिए किसानों पर आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार की, जिसके कारण किसानों में आक्रोश उत्पन्न हुआ और वे पथराव करने लगे।
पुलिस की ओर से 15 लोगों को जख्मी होने के साथ ही, 12 से अधिक किसान भी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। अंबाला डीएसपी आदर्शदीप भी इन घायलों में शामिल हैं।
अंबाला पुलिस-प्रशासन ने लगभग एक सप्ताह से किसानों को शंभू बार्डर पर रोकने की कोशिश की थी, और यह प्रयास मंगलवार को सफल रहा।
Farmer Protest किसानों पर दागी रबर बुलेट्स
Farmer Protest : लाखों प्रयास के बावजूद, किसान बैरिकेडिंग तोड़ने में नाकाम रहे। इस दौरान पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार के साथ रबर की गोलियां चलाई गईं, जिसमें कई किसान जख्मी हो गए।
झड़प मे ये किसान हुए घायल
Farmer Protest : कई किसानों ने घायल होने के बाद अस्पताल पहुंचा। इनमें अमृतसर का 60 वर्षीय तरसेम सिंह, फतेहगढ़ के 30 वर्षीय अमनदीप, 18 वर्षीय जसकरण, 40 वर्षीय मोहिंद्र सिंह जो पटियाला से हैं, 40 वर्षीय कुलविंद्र सिंह जो संगरूर से हैं, 45 वर्षीय माटा जो होशियारपुर से हैं, 21 वर्षीय गुरजीत जो फिरोजपुर से हैं, तेजा सिंह जो मोगा से हैं, और कुलदीप जो लोंगवाला से हैं भी शामिल हैं।
Farmer Protest के दौरान एक नाका तोड़ने के लिए किसानों ने पथराव किया, जिससे अधिकांश किसानों को चोटें आई। जब देर शाम तक घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
ड्रोन से दागे आँसू गैस के गोले
Farmer Protest :किसानों ने पुलिस के प्रति हिंसा दिखाई तो पुलिस के जवानों ने भी जवाबी कार्यवाही की, जिनमें कुछ भी चोटें आई। कुछ किसान दो जवानों की शील्ड उठाकर भाग गए।
प्रोटेस्ट के दौरान पुलिस ने भी ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े। इन उपायों का उपयोग करते हुए वे पंजाब की सीमा पर आ गए और पंजाब पुलिस के चौकी के पास भीड़ को खदेड़ने लगे।
सरकार ने बंद किया इंटरनेट और बिजली
सांझ होते होते, पंजाब की सीमा पर लगी लाइटों में एक किलोमीटर तक कोई ज्यादा रोशनी नहीं थी। साथ ही, नेटवर्क भी बंद हो गया था और फोन कनेक्शन भी कमजोर था।
ऐसे में किसान अपने ट्रैक्टरों की लाइटों का सहारा लेकर काम चलाने लगे। हालांकि, अंधेरे के बावजूद, रात के अंत तक आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
महिला किसान भी हुई शामिल
Farmer Protest : दिल्ली कूच के आंदोलन में, युवाओं और बुजुर्गों के साथ-साथ महिला किसान भी पीछे नहीं रहीं। फिरोजपुर, संगरूर, और पटियाला से भी कई महिलाएं किसानों के काफिले में शामिल हो गईं।
उन्हें शंभू बॉर्डर पर भी देखा गया। महिलाएं हाथ में झंडे लेकर किसानों का साथ देती हुई दिखीं, जिससे किसानों की मोराल को और भी मजबूती मिली।
लेकर राशन किसान भी तैयार
Farmer Protest : किसानों ने आंदोलन की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसका पता ट्रैक्टर-ट्रालियों में सजीव भोजन के भंडार को देखकर लगाया जा सकता है। अधिकांश ट्रैक्टर-ट्रालियों में भोजन का व्यवस्थित आयोजन है।
इस बात का ध्यान रखते हुए कि आंदोलन की लंबी दिनों की जोरदार लड़ाई की नौबत आ सकती है, लेकिन भोजन की कमी का खतरा नहीं है।
गूंगी बनी रही पंजाब पुलिस
Farmer Protest : पंजाब पुलिस इस पूरे प्रकरण में मूक बनी रही। सुबह से लेकर शंभू बॉर्डर पर देर रात तक किसानों के आंसू गैस के गोलों का जवाब देते हुए भी, पुलिस ने केवल देखते रहे।
इस मध्य अफरा-तफरी में, कई किसानों को गिरते हुए भी चोटिल होना पड़ा, लेकिन पुलिस ने किसी भी कदम की कमी नहीं की।