किसान साथियों, विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। अमेरिका में सोया तेल के भाव पिछले एक हफ्ते में 12% तक बढ़ गए हैं। लेकिन भारत में इसका असर नहीं दिख रहा।
जयपुर में सरसों के भाव 23 मई 2024 को 6200 रुपये थे, जो अब 6150 रुपये पर आ गए हैं। वहीं, मलेशिया में पाम तेल के भाव 3870 से बढ़कर 4100 रुपये हो गए हैं।
भारतीय बाजार में स्थिति
भारत में सरसों के भाव स्थिर हैं, जबकि विदेशी बाजारों में तेजी है। सरसों की आवक भी कम हो रही है। हम इस ब्लॉग में जानेंगे कि इसके बावजूद भारत में सरसों के भाव क्यों नहीं बढ़ रहे हैं और इसमें तेजी कब आएगी।
ताजा मार्केट अपडेट
शुक्रवार को जयपुर में सरसों के भाव सुबह में ₹25 कमजोर हुए थे, लेकिन शाम को ₹50 बढ़कर 6150 रुपये पर पहुंच गए। भरतपुर मंडी में सरसों का भाव 5800 रुपये प्रति क्विंटल रहा। दिल्ली के लॉरेंस रोड पर सरसों का रेट ₹6000 था, जो शाम को ₹50 की बढ़त के साथ 6050 रुपये पर बंद हुआ। चरखी दादरी मंडी में भी सरसों का भाव 6025 रुपये स्थिर रहा।
प्लांटों पर भाव
ब्रांडेड तेल मिलाने वाले प्लांट्स पर सरसों के भाव में मामूली घट-बढ़ हुई। सलोनी प्लांट ने दिन में कई बार बाजार को ₹25 तेज और मंदा किया। अंतिम भाव 6600 रुपये रहे, जो पिछले भाव से ₹25 कम है। अन्य प्लांट्स के भाव इस प्रकार रहे:
- शारदा प्लांट आगरा: 6450 रुपये
- अदानी बूंदी और अलवर प्लांट: 6125 रुपये
- गोयल कोटा प्लांट: 5950 रुपये
हाजिर मंडियों के भाव
हाजिर मंडियों में सरसों के भाव में मामूली नरमी देखने को मिली। राजस्थान की नोहर मंडी में सरसों का टॉप भाव 5750 रुपये रहा। विजयनगर मंडी में 5715 रुपये, पीलीबंगा में 5550 रुपये, और हिसार में 5600 रुपये प्रति क्विंटल भाव रहे।
विदेशी बाजार की स्थिति
विदेशी बाजारों में मिला-जुला रुख देखने को मिला। अमेरिका में सोया तेल 2.28% बढ़कर 49.75 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि मलेशिया में पाम तेल वायदा 0.66% गिरकर 4,040 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुआ। चीन के बाजार भी कमजोर रहे।
सरसों तेल और खल के भाव
जयपुर में कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 4 रुपये बढ़कर 1,181 रुपये प्रति 10 किलो हो गए, जबकि एक्सपेलर तेल के दाम 5 रुपये बढ़कर 1,171 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। जयपुर में सरसों खल का रेट 2675 रुपये रहा।
सरसों की आवक
सरसों की आवक घटकर 3 लाख बोरी रह गई है। स्टॉकिस्ट और किसान नीचे दाम पर सरसों की बिकवाली नहीं करना चाहते। मरुधर एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, किसानों के पास अभी भी 45 लाख टन से ज्यादा सरसों का स्टॉक है।
सरसों में तेजी कब आएगी?
किसान भाइयों, पिछले डेढ़ महीने से बाजार स्थिर है। जल्द ही बाजार किसी ना किसी तरफ करवट ले सकता है। विदेशी बाजारों में तेजी और घरेलू मांग के बढ़ने से सरसों में तेजी आ सकती है। लेकिन अगर नाफेड खुले बाजार में सरसों बेचने का एलान कर देती है तो बाजार टूट भी सकता है। इसलिए, बाजार को ध्यान से मॉनिटर करें और हर उछाल पर थोड़ा-थोड़ा माल बेचें। व्यापार अपने विवेक से करें।
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