नमस्कार किसान साथियों, एक नई खुशखबरी है! प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा फैसला किया है। अब गेहूं की बिक्री पर एक और बढ़ी घोषणा की गई है, जिसके साथ-साथ एक बोनस भी मिलेगा।
राज्य कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि गेहूं के भावों MSP में 125 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की जाएगी। इससे किसानों को अब 2400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूं बेचने का मौका मिलेगा।
यह खबर न केवल किसानों के लिए बल्कि प्रदेश की कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा देगी। इस खुशखबरी के साथ ही, प्रदेश में गेहूं की बिक्री की प्रक्रिया शुरू हो गई है,
आईए जानते हैं क्या है पूरी खबर…
इस राज्य मे हुआ हुआ है MSP में बढ़त का ऐलान
किसान भाईयों, आज मध्य प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनमें से एक फैसला यह भी है कि गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर एक बोनस दिया जाएगा। यहाँ तक कि वर्तमान एमएसपी में 2,275 रुपये प्रति क्विंटल में 125 रुपये का बोनस जोड़ा जाएगा।
अब किसानों को प्रति क्विंटल 2400 रुपये मिलेंगे। यह समाचार खास तौर पर गेहूं उत्पादकों के लिए खुशियों का संदेश है।
यहाँ भी बढ़ी है MSP
पहले भी कई राज्यों ने इसी तरह के MSP बोनस का ऐलान किया था। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी ऐसा ही हुआ था। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी गेहूं की खरीद की गति को बढ़ाने का निर्णय लिया है। हाल ही में, राजस्थान सरकार ने इसे घोषित किया।
पिछले साल के मुकाबले, एमएसपी MSP में राजस्थान में 150 रुपये की वृद्धि हुई है। इस साल, गेहूं के लिए एमएसपी 2,275 है, जिसके कारण राजस्थान सरकार एक बोनस के रूप में 125 रुपये दे रही है। अब गेहूं 2400 रुपये के भाव पर राजस्थान में खरीदा जा रहा है।
यह महत्वपूर्ण फैसले भी लिए
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने आज और भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री एयर एम्बुलेंस कार्यक्रम के अंतर्गत एक हेलीकॉप्टर और एक विमान का संचालन किया जाएगा।
इसके अलावा, आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को बेहतर इलाज के लिए अन्य अस्पतालों में मुफ्त पहुंचाया जाएगा। कलेक्टर और चिकित्सा निदेशक के तत्वावधान में निर्णय लिए जाएंगे।
इसके साथ ही, सरकार ने बैगा, सहरिया, और भारिया जैसी अति पिछड़ी जनजातियों के घरों तक बिजली पहुंचाने का निर्णय लिया है। इन जनजातियों के सदस्य यदि जंगलों में निवास करते हैं, तो उनके घरों को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा।
जनता के सम्मान का रखा है ध्यान
आम जनता को हमेशा अपने प्यारे परिजनों के शवों को साइकिल और गाड़ियों पर अस्पताल से बाहर ले जाते हुए देखा गया है। इस समस्या का समाधान करते हुए, कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक जिले में एक वाहन होना चाहिए जो शवों को ले जाने के लिए अस्पताल में उपलब्ध हो।
शवों को परिवहन के लिए नि:शुल्क वाहन उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर और सीएमओ निर्देशित किए गए हैं। साथ ही, केंद्रीय प्रायोजित कार्यक्रम के अंतर्गत, राज्य में 13 नर्सिंग कॉलेजों का उद्घाटन किया जाएगा।
किसानों को उर्वरक और यूरिया की आपूर्ति के लिए मध्य प्रदेश विपणन संघ को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है।