Afeem Ki Kheti Kaise Kare : अफीम की खेती करने के लिए आपको सबसे पहले सरकार से लाइसेंस लेना होता है। अगर कोई बिना लाइसेंस के अफीम का एक भी पौधा उगाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है।
अफीम की खेती Afeem Ki Kheti के लिए लाइसेंस सरकार द्वारा तय किए गए खास इलाकों में ही दिया जाता है, यानी हर जगह इस खेती की अनुमति नहीं होती।
लाइसेंस और बीज कैसे मिलते हैं?(अफीम की खेती कैसे करें)
अफीम की खेती करने के लिए लाइसेंस पाने की प्रक्रिया सरकार के द्वारा निर्धारित की जाती है। लाइसेंस सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों में मिलता है, जो सरकार ने अफीम की खेती के लिए अनुमत किए हैं।
इसके अलावा, अफीम के बीज भी विशेष रूप से सरकारी अधिकारियों से ही प्राप्त किए जाते हैं। बिना सही लाइसेंस और बीज के अफीम की खेती करना अवैध है।
इसलिए, अफीम की खेती की शुरुआत करने से पहले, यह जरूरी है कि आप सभी कानूनी नियमों को समझें और सरकार से लाइसेंस प्राप्त करें।
अफीम की खेती (Afeem Ki Kheti) से जुड़ी जरूरी जानकारी

अफीम की खेती को लेकर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं। अफीम का उपयोग दवाइयों को बनाने में किया जाता है, लेकिन इसका नशे के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इसकी खेती केवल सरकारी लाइसेंस के तहत ही की जा सकती है। बिना लाइसेंस अफीम की खेती करना एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है।
असल में, अफीम की खेती Afeem Ki Kheti सरकार द्वारा तय किए गए नियमों और शर्तों के आधार पर की जाती है। इसके बीज भी किसी को आसानी से नहीं मिलते। आज हम यहां अफीम की खेती से जुड़े सभी अहम पहलुओं पर बात करेंगे और जानेंगे कि अफीम की खेती के लिए लाइसेंस कैसे और कहां से मिलता है।
कैसे मिलता है अफीम की खेती Afeem Ki Kheti के लिए लाइसेंस और बीज?
अफीम की खेती Afeem Ki Kheti करने के लिए लाइसेंस वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी किया जाता है। यह लाइसेंस हर जगह के लिए नहीं मिलता, बल्कि कुछ खास इलाकों में ही इसकी खेती की जा सकती है।
इसके अलावा, यह भी सरकार तय करती है कि किसान कितनी ज़मीन पर अफीम की खेती कर सकते हैं। लाइसेंस और खेती से जुड़ी शर्तों के बारे में जानकारी के लिए आप क्राइम ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
एक बार लाइसेंस मिल जाने के बाद, आप नारकोटिक्स विभाग के इंस्टीट्यूट्स से अफीम के बीज प्राप्त कर सकते हैं।
अफीम की खेती की शुरुआत कैसे करें (Afeem Ki Kheti Kaise Kare)?
अफीम की खेती Afeem Ki Kheti रबी सीजन में, यानी सर्दियों में की जाती है। इसकी बुवाई अक्टूबर-नवंबर महीने में की जाती है। बुवाई से पहले खेत को 3-4 बार अच्छे से जोतना जरूरी होता है। इसके साथ ही, खेत में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डालना भी जरूरी होता है, ताकि पौधों का विकास सही तरीके से हो सके।
अगर आप एक हेक्टेयर में अफीम की खेती Afeem Ki Kheti करना चाहते हैं, तो आपको करीब 7-8 किलो बीज की जरूरत पड़ेगी। यह ध्यान रखें कि यदि आपने लाइसेंस प्राप्त कर लिया है, तो आपको एक न्यूनतम पैदावार तय करनी होती है। इसलिए, खेती में किसी भी तरह की कमी नहीं रखनी चाहिए और इसे पूरी मेहनत से करना चाहिए।
कैसे होती है अफीम फसल की बिक्री?
अफीम की बुवाई के 100-120 दिन बाद इसके पौधों में फूल आने लगते हैं। इन फूलों के झड़ने के बाद पौधों में डोडे (फल) लग जाते हैं। अफीम की हार्वेस्टिंग Afeem Ki Kheti यानी फसल की कटाई रोज़ थोड़ा-थोड़ा करके की जाती है।
इसके लिए इन डोडों पर हल्का चीरा लगाया जाता है, और फिर उन्हें रातभर छोड़ दिया जाता है। अगले दिन सुबह, इन डोडों से निकलने वाला तरल पदार्थ इकट्ठा कर लिया जाता है।
जब तरल पदार्थ निकलना बंद हो जाता है, तो इन डोडों को सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है।
फसल सूखने के बाद, डोडों को तोड़कर उनसे बीज निकाल लिए जाते हैं। हर साल अप्रैल महीने में, नारकोटिक्स विभाग किसानों से अफीम की फसल Afeem Ki Kheti की खरीदारी करता है।