Sarso Ki Kheti : रवी फसलों में सरसों की खेती को बड़ी महत्वपूर्ण फसल माना जाता है। इसे मुख्यता राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश में बोया जाता है। सरसों एक तरह की फसल है जिसे कम पानी की जरूरत होती है।
सरसों Sarso Ki Kheti को एक या दो सिंचाई में पकाया जा सकता है। पीली सरसों में एक बार पानी देना काफी है, लेकिन अगर मिट्टी रेतीली है तो दो-तीन बार पानी देना जरूरी है।
सरसों की खेती Sarso Ki Kheti मे कब दें दूसरा पानी?
इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सरसों (Sarso Ki Kheti) को दूसरी बार पानी कब देना चाहिए और फसल की अच्छी उपज के लिए सही समय पर कौन सा खाद डालना चाहिए।
जैसा हमने पहले बताया, सरसों Sarso Ki Kheti एक तरह की फसल है जिसे अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती। फसल की दूसरी सिंचाई को लगभग 60 से 70 दिन बाद करना चाहिए। अगर आपकी मिट्टी रेतीली है, तो आप 10 दिन पहले भी सिंचाई कर सकते हैं।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सरसों में दूसरी बार सिंचाई करने की आवश्यकता सिर्फ जब आवश्यक होती है। अगर मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में नमी है, तो सिंचाई की आवश्यकता नहीं है।
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सरसों की खेती में दूसरे पानी से पहले ये खाद देगी बम्पर पैदा
जब आप सरसों Sarso Ki Kheti में दूसरी बार पानी दे रहे हैं, तो ध्यान रखें कि पहले पानी और बोने गए खाद के दौरान जो भी खाद डाला गया है, उस समय सरसों में दूसरी बार पानी डालते समय यूरिया डालना बेहद आवश्यक है।
दूसरे पानी के समय फसल में यूरिया डालना फुटाव को बढ़ाता है। अगर आप चाहते हैं कि सरसों Sarso की बेहतर उपज हो, तो दूसरे पानी में सरसों के पौधों को सल्फर और पोटाश भी प्रदान करें।
इससे आप उच्च गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त कर सकते हैं और यह आपको कम लागत में भी सुनिश्चित करेगा।