Jeera Teji Mandi Report : गुजरात में अब नए जीरे की आवक से एक दबाव महसूस हो रहा है। नए जीरे की आवक ऊंची होने के कारण किराना जिंस की थोक कीमत में कुछ धीमी कमी भी हो रही है।
आने वाले दिनों में, यदि स्टॉकिस्टों को मजबूत लिवाली का समर्थन नहीं मिला, तो जीरे में मंदी की संभावना बढ़ जाएगी। हमारे पाठकों को समय-समय पर जीरे के बारे में ताज़ा जानकारी Jeera Teji Mandi Report से मिलती रहेगी, जिससे उन्हें फायदा होता है।
गुजरात की ऊंझा मंड़ी में नए जीरे की आवक का दबाव बढ़ रहा है।
पहले से बढ़ा है जीरे का रकबा Jeera Teji Mandi Report
Jeera Teji Mandi Report : मंडी में नए जीरे की करीब 28-30 हजार बोरियों की आवक की जानकारी मिली है। पहले से ही गुजरात में जीरे की बंपर बिजाई की सूचना आ रही थी।
राज्य कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में चालू सीजन के दौरान कुल 5,60,800 हेक्टेयर में जीरे की बुआई हो चुकी है। इसके खिलाफ, पिछले सीजन में 2,75,700 हेक्टेयर में जीरे की बुआई हुई थी।
इससे पता चलता है कि पिछले सीजन के मुकाबले इस सीजन में जीरे की बिजाई में 2 लाख 85 हजार 100 हेक्टेयर या करीब 103.40 प्रतिशत का उछाल आया है।
पिछले सप्ताह में जीरे की बिजाई के अलावा, इस सप्ताह के आरंभ में जीरे की करीब 20-22 हजार बोरियों की आवक हुई थी। यह बढ़ोतरी लगभग 25 प्रतिशत तक की अपेक्षा थी।
आवक बढ़ी तो लिवाली टूटी
Jeera Teji Mandi Report : हालांकि, इस बार आवक ऊंची तो है, लेकिन लिवाली में कमजोरी के कारण गुजरात की ऊंझा मंड़ी में जीरा की दरों में धीरे-धीरे 150-200 रुपए प्रति 20 किलोग्राम की बदहाली हुई है। पिछले सप्ताह की तुलना में, जब इसमें 150-200 रुपए की तेजी आई थी।
उन्हीं धाराओं पर, स्थानीय थोक किराना बाजार में भी बिकवाली के कारण, जीरा की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। इसके परिणामस्वरूप, जीरा वर्तमान में 27,000/27,200 रुपए प्रति क्विंटल पर बिक रहा है, जो की 1000-1200 रुपए की तेजी के बाद 100-200 रुपए मंद हो गया है।
विदेशी प्रतिस्पर्धा बढ़ी, मांग मे आई कमी
Jeera Teji Mandi Report : पहले जीरे के भाव में 2500-3000 रुपए की कमी आई थी। इसके साथ ही, विदेशी आयातक देशों की बाजार में जीरे की बिक्री में कमी आई थी। फिर भी, पिछले दिनों बांग्लादेश ने कुछ जीरा खरीदा था। जीरा के उत्पादक देशों में, भारत के अलावा तुर्की और सीरिया भी महत्वपूर्ण हैं।
हालांकि, अब अफगानिस्तान और ईरान भी इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। आमतौर पर, तुर्की और सीरिया में संयुक्त रूप से लगभग 35 हजार टन जीरा उत्पादित होता है, जिसकी गुणवत्ता भारतीय जीरे के मुकाबले कम होती है।
2023-24 के आरंभिक आठ महीनों में, यानी अप्रैल से नवंबर 2023 तक, भारत ने कुल 93,502.35 टन जीरा निर्यात किया था, जिससे 3481.56 करोड़ रुपए की आय हुई थी।
एक साल पहले के इसी अवधि में, देश से 1,33,291.74 टन जीरा का निर्यात हुआ था, जिसकी मूल्य कुल 2836.81 करोड़ रुपए था। आगामी दिनों में, जीरा की कीमतों में कमी की आशंका है। अत: व्यापारिक गतिविधियों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।