अब सरकारी बोली से होगी खरीदी, कल से शुरू होगी खरीद फरोक्त
लहसुन की उच्च मूल्य के कारण देशभर में इस पर चर्चाएं हो रही हैं। इस समस्या को सुलझाने के लिए, लहसुन की चोरी को रोकने के लिए गनमैन तैनात हैं, जो दिलचस्प घटनाओं के साथ जुड़े हैं।
हालांकि, हाईकोर्ट ने कल इंदौर की चोइथराम मंडी में लहसुन की खरीद-बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दी है, मंडी समिति और मंडी बोर्ड के निर्णय को खारिज करते हुए।
इस आदेश के बाद, मंडी समिति ने कल से लहसुन की सरकारी खरीदी के निर्देश जारी किए हैं, जो दो पालियों में होगी।
7 साल की कानूनी लड़ाई के बाद किसानों के पक्ष में निर्णय
प्रदेश में लहसुन की खरीद-बिक्री के मामले में इंदौर मंडी को नौ सालों तक आढ़त के माध्यम से काम कर रहा था, जबकि अन्य मंडियों में यह काम सरकारी बोली के जरिए होता था।
इंदौर मंडी बोर्ड ने 2015 से इंदौर में आढ़त के माध्यम से खरीद-बिक्री शुरू की थी, जिसके विरोध में किसानों ने 2017 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 7 साल बाद समिति और मंडी बोर्ड के निर्णय को खारिज करते हुए इंदौर मंडी में सरकारी बोली के माध्यम से लहसुन की खरीद-बिक्री की मांग को मंजूरी दी।
इसके बाद, मंडी सचिव ने 26 फरवरी से सरकारी बोली के अनुसार इंदौर मंडी में सुबह 9 से 1 बजे और दोपहर 1.30 से 5.30 बजे तक लहसुन की खरीद-बिक्री का आदेश जारी किया।
मंडी की आय भी बढ़ेगी, किसानों का भी लाभ
वर्तमान में इंदौर मंडी में हर दिन लहसुन के 25 हजार कट्टे आवक हो रहे हैं, सरकारी खरीद पर बोली लगने से मंडी समिति के करों में वृद्धि का अनुमान है, साथ ही मंडी की अतिरिक्त आय भी बढ़ेगी।
वर्तमान समय में लहसुन की बाजार में बिक्री दर 12 हजार से 16 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक हो रही है। यहाँ तक कि जब यह गीला है, तब भी इसकी अच्छी मांग है। सरकारी खरीद पर बोली लगने से, व्यापारियों में और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे किसानों को और अधिक लाभ होगा।