सोयाबीन तेजी मंडी रिपोर्ट मार्च 2024 : सोमवार को सोलापुर मंडी में सोयाबीन 4750 रुपये प्रति क्विंटल पर खुला था। शनिवार को यह 4710 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इस तरह, बीते सप्ताह के दौरान सोयाबीन में 40 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। गिरावट की मुख्य वजह मांग में कमी है। खाद्य तेल और सरसो में मजबूती के बावजूद सोयाबीन में नरमी देखी गई।
यह गिरावट किसानों के लिए चिंता का विषय है। सोयाबीन महाराष्ट्र की प्रमुख फसलों में से एक है। पिछले साल भी सोयाबीन की कीमतों में गिरावट देखी गई थी। इस साल भी गिरावट का सिलसिला जारी है।
गिरावट के पीछे कई कारण हैं। एक कारण यह है कि वैश्विक बाजार में सोयाबीन की कीमतें कम हैं। भारत सोयाबीन का आयातक देश है। वैश्विक बाजार में कीमतें कम होने से भारत में भी कीमतें कम हो रही हैं। आईए जानते हैं पूरी जानकारी इस सोयाबीन तेजी मंडी रिपोर्ट मे…
सोयाबीन तेजी मंडी रिपोर्ट मार्च 2024
पिछले सप्ताह सोयाबीन की मांग कमजोर रही, जिसके कारण क्रशिंग मांग भी सामान्य रही। घरेलू बाजार में सोयाबीन की आपूर्ति निरंतर बनी हुई है, और आयात भी जारी रहने से स्टॉक पर्याप्त से अधिक है। कुछ दिनों पहले सोया तेल की कमी के कारण प्लांटों ने सोयाबीन की खरीदारी बढ़ाई थी, जिससे मांग में थोड़ी तेजी आई थी।
हालांकि, खल की मांग में कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके कारण ऊपरी स्तरों पर सोयाबीन की मांग धीमी रही। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयमील का भाव 365-400 $/टन है, जबकि घरेलू सोयमील 500-515 $/टन पर चल रहा है। इस भारी अंतर के कारण सोयमील के निर्यात में कमी देखी जा सकती है।
ब्राजील की फसल अब बाजार में आने लगी है और अगले महीने से अर्जेंटीना की फसल भी आ जाएगी। इससे भारतीय सोयमील को आगे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा, जिसके कारण मांग बनाए रखने के लिए खल की कीमतों में 2000-25000 रुपये प्रति टन की गिरावट आ सकती है।
सोयाबीन की कीमतों में तेजी केवल तभी देखने को मिलेगी जब सरकार सोयाबीन की खरीद शुरू करेगी
आगे क्या रहेंगे आसार
सोयाबीन की कीमतों में अभी 125-150 रुपये से ज्यादा की तेजी की उम्मीद नहीं है, क्योंकि सरकार की तरफ से अभी तक कोई खरीदारी नहीं हुई है। अप्रैल के बाद सोयाबीन में तेजी की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी और भाव धीरे-धीरे नीचे गिरने लगेंगे।
महाराष्ट्र कीर्ति प्लांट के भाव को बेंचमार्क मानें तो 4650 रुपये प्रति क्विंटल एक सपोर्ट का काम कर रहा है। यदि सोयाबीन 4650 रुपये से ऊपर बना रहता है, तो 125-150 रुपये की बढ़त की उम्मीद है। यदि भाव 4650 रुपये से नीचे टूट जाते हैं, तो गिरावट बढ़ सकती है।
यहाँ कुछ अन्य बातें हैं जो आपको जाननी चाहिए:
- सोयाबीन की कमजोर मांग किसानों के लिए चिंता का विषय है।
- सोयाबीन की कीमतों में गिरावट से खाद्य तेल की कीमतों में भी गिरावट आ सकती है।
- सरकार सोयाबीन की कीमतों को बढ़ाने के लिए कुछ कदम उठा सकती है।
अगर आप सोयाबीन की खेती करते हैं, तो आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- अपनी लागत कम करें।
- बेहतर बीज और उर्वरक का उपयोग करें।
- अपनी फसल का बीमा करवाएं।
- सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का लाभ उठाएं।
आशा है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।