Earthquake News: देर रात दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं. दिल्ली के साथ यूपी-बिहार-राजस्थान में भी भूकंप महसूस हुआ है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 तक मापी गई है। भूकंप के झटकों के बाद लोग अपने घर के बाहर दौड़ पड़े।
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दिल्ली – एनसीआर में देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली के साथ यूपी-बिहार से लेकर राजस्थान तक में भी भूकंप महसूस किया गया है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटकों की तीव्रता 6.4 मापी गई है।
भूकंप के झटकों के बाद लोग अपने घर के बाहर दौड़ पड़े। जानकारी के मुताबिक देर रात 11.32 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। भूकंप का केंद्र नेपाल में मापा गया था। इससे पहले 22 अक्टूबर को भी दिल्ली में भूंकप के झटके महसूस किए गए थे। तब इसकी तीव्रता 6.1 थी.धरती हिलने के बाद लखनऊ में लोग घरों से बाहर निकल आए।
न्यूज डेस्क को लोगों ने बताया कि वह सोने की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक से पंखा लाइट हिलने लगै तभी वह बाहर की ओर भागे। लोगों ने काफी देर तक भूकंप का झटका महसूस किया।
आखिर क्यों आता है भूकंप?
भूकंप आने के पीछे ये होती है मुख्य वजह!
धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूम रही हैं. ये प्लेट्स (टेक्टोनिक प्लेट) जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है।
बार-बार टकराने से टेक्टोनिक प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब प्रेशर ज्यादा बनने लगता है कि तो वो प्लेट्स टूटने लगती हैं। इनके टूटने के कारण अंदर की कैद एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप का झटका आता है।
जानिए आखिर कौन सा भूकंप होता है खतरनाक?
अभी तक भूकंप की अधिकतम तीव्रता तय नहीं हो पाई है। हालांकि रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से अधिक खतरनाक माना जाता है।
इसी रिएक्टर पैमाने पर 2 या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप सूक्ष्म भूकंप कहलाता है जो ज्यादातर महसूस नहीं होते हैं। 4.5 की तीव्रता का भूकंप घरों को क्षतिग्रस्त कर सकता है.
जानें रिक्टर पैमाने पर किस भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्या हो सकता है इसका असर?
0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.
- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.-
- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.-
- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.-
- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.-
- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.
- 7.0 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर बहुत ही ज्यादा नुकसान होता है।