Chana Teji Mandi Report July 2024 : किसान साथियों, सरकार द्वारा हाल ही में स्टॉक सीमा लगाने से देसी चने के दामों में 300 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आई है।
हालांकि, इन दामों पर उत्पादक मंडियों से माल मिलना मुश्किल हो गया है, जिससे आगे और गिरावट की संभावना नहीं दिख रही है और धीरे-धीरे इसमें फिर तेजी की उम्मीद बन रही है।
स्टॉक सीमा का असर
Chana Teji Mandi Report July 2024 देसी चने में आई तेजी को देखते हुए सरकार ने जून के तीसरे सप्ताह में थोक व्यापारियों के लिए 200 टन की स्टॉक सीमा लगा दी है।
इस निर्णय से लॉरेंस रोड पर खड़ी मोटर में राजस्थानी चना के दाम 7200 रुपए प्रति क्विंटल से गिरकर 6900 रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं। तविकता यह है कि मध्य प्रदेश के इंदौर, ग्वालियर, भोपाल, बीनागंज आदि उत्पादक मंडियों में देसी चने की आवक पूरी तरह से बंद हो गई है।
उत्पादक मंडियों में कमी Chana Teji Mandi Report
महाराष्ट्र में डेढ़ महीने पहले ही माल आना काफी कम हो गया था। वर्तमान में केवल राजस्थान के शेखावाटी, नोहर, भादरा, सवाई माधोपुर, तारानगर, सरदारशहर आदि उत्पादक मंडियों से ही माल आ रहा है, लेकिन वहां भी आवक में कमी के कारण दिल्ली के पड़ते काफी ऊंचे लग रहे हैं।
व्यापारियों ने स्टॉक घटाया
Chana Teji Mandi Report July 2024 सरकार की सख्ती से व्यापारियों ने पिछले 10-12 दिनों के भीतर अपने स्टॉक को घटाकर बेचना शुरू कर दिया है, क्योंकि सरकार ने प्रत्येक शुक्रवार को पोर्टल पर स्टॉक लोड करने की बात कही है। ध्यान देने वाली बात यह है कि देश में देसी चने की खपत 120 लाख मीट्रिक टन है, जबकि कुल उत्पादन 70-75 लाख मीट्रिक टन ही अनुमानित है।
स्टॉक सीमा में वृद्धि की जरूरत
दिल्ली-एनसीआर में चने का स्टॉक बहुत कम है। दूसरी ओर, स्टॉक सीमा की सख्ती के चलते काफी माल निकल चुका है, जिससे वर्तमान में देसी चने के दाम में और गिरावट की संभावना नहीं है। सरकार ने 200 टन की स्टॉक सीमा लगाई है,
जबकि सामान्य व्यापारी एक दिन में ही 100 टन माल बेच लेते हैं। ऐसे में, यदि स्टॉक सीमा नहीं बढ़ाई गई तो पाइपलाइन में माल धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा और आगे चलकर बाजार फिर से ऊंचे दामों पर पहुंच सकता है।
आगे क्या होगा?
Chana Teji Mandi Report July 2024 के अनुसार जानकारों का कहना है कि सरकार की सख्ती के चलते वर्तमान में मंदी आ गई है। पिछले 10-12 दिनों में जितनी गिरावट आनी चाहिए थी, उतनी नहीं आई है। इससे पता चलता है कि कहीं भी स्टॉक अधिक नहीं है। मंदी के दौरान दहशत के चलते औने-पौने भाव में माल बिक जाने के बाद आगे चलकर शॉर्टेज की स्थिति बन जाएगी, जिसे नियंत्रित करना काफी कठिन हो जाएगा।
सरकार ने ऑस्ट्रेलिया से आयात को कम कस्टम ड्यूटी पर अनुमति दे दी है और सौदे भी हो रहे हैं, लेकिन वहां के बाजार के तेज होने से वर्तमान भाव से सस्ता नहीं पड़ रहा है। अतः कुछ दिन रुकने के बाद भी देसी चने की शॉर्टेज के चलते इसमें तेजी बनी रहेगी।
निष्कर्ष
सरकारी दबाव के चलते चने का भाव दबा हुआ है। बहुत कम संभावना है कि लंबे समय तक ऐसा ही बाजार रहेगा। उम्मीद लगाई जा रही है दीवाली से पहले फिर से एक बार चना में तेजी का माहौल बन सकता है। यह माहौल चने के भाव को 7500 तक लेकर जा सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार आगे चलकर चने के बाजार पर अपना नियंत्रण बढ़ा सकती है, जिसके कारण भाव में तेजी सीमित भी रह सकती है। किसान साथियों, अपने उत्पाद की बिक्री का समय और मूल्य ठीक से चुनें। किसी भी निर्णय से पहले बाजार की स्थिति का ध्यान रखें।