Fake Fertilizers : इस युग में, किसानों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे जांचें कि उनके इस्तेमाल किए जा रहे खाद और बीज असली हैं या नकली। यह जानना जरूरी है क्योंकि हर फसल के लिए सही खाद और बीज की आवश्यकता होती है।
नकली खाद और बीज से फसल का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों ही कम होती है। इसलिए, किसानों को अलसी खाद का प्रयोग करना चाहिए। अगर आप पोटाश और सुपर फॉस्फेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह असली है।
इसकी पहचान आप कुछ मिनटों में ही कर सकते हैं। चलिए, देखते हैं कैसे…
Fake Fertilizers : यूं करें नकली सुपर फास्फेट की पहचान
Fake Fertilizers : सुपर फास्फेट की पहचान के लिए यह महत्वपूर्ण है कि इसके दाने भूरे और काले बादामी रंग के हों। आप इसकी असलियत को जांचने के लिए कुछ दानों को गरम करें।
अगर वे नहीं फूलते हैं, तो समझ लें कि वह असली सुपर फास्फेट है। याद रहे कि गरम करने पर डीएपी और अन्य खाद के दाने फूल जाते हैं, लेकिन सुपर फास्फेट के दाने नहीं फूलते हैं।
इस तरह से, मिलावट को आसानी से पहचाना जा सकता है। सुपर फास्फेट नाखूनों को आसानी से नहीं टूटने वाला उर्वरक होता है।
ये है असली पोटाश की पहचान
Fake Fertilizers : असली पोटाश की पहचान के लिए उसका सफेद और कड़ा होना बहुत महत्वपूर्ण है। यह नमक और लाल मिर्च की तरह का मिश्रण होता है। साथ ही, जांच के लिए पोटाश के कुछ दानों को नम करें।
अगर वे आपस में नहीं चिपकते हैं, तो समझ लें कि ये असली पोटाश है। एक और बात ध्यान दें कि पोटाश पानी में घुलने पर उसका लाल रंग पानी के ऊपर तैरता है।
नकली बीज से भी रहें सावधान
Fake Fertilizers : बीजों की जांच करने की भी आवश्यकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बुआई से पहले ही बीजों की अंकुरण की जांच करवानी चाहिए। यदि बीजों का अंकुरण 80 से 90 फीसदी हो, तो वे बेहतर माने जाते हैं।
अगर बीजों का अंकुरण 60 से 70 फीसदी है, तो उनकी कीमत बढ़ा दी जा सकती है। और अगर अंकुरण 60 फीसदी से कम है, तो बीजों को बदल देना चाहिए।
किसान चाहे तो बीज प्रमाणीकरण प्रयोगशाला में बीज की नि:शुल्क जांच करा सकते हैं और उनकी अंकुरण क्षमता का परीक्षण करा सकते हैं।